अब सियाचिन का सफर कर सकेंगे सैलानी, दुनिया की सबसे ऊँची युद्धभूमि देख पाएँगे पर्यटक!

Tripoto

सियाचिन, एक ऐसा नाम जो हर भारतीय मुसाफिर ने सुना होगा, तस्वीरों और फिल्मों में देखा होगा, वहाँ जाकर उस नज़ारे को आँखों में भरने के भी ख्वाब देखे होंगे। तो खुश हो जाइए, क्योंकि अब आप आपका ये ख्वाब सच होने वाला है क्योंकि अब सियाचिन ग्लेशियर को टूरिस्टों के लिए खोल दिया गया है।

श्रेय: इंडियन एक्सप्रेस

Photo of सियाचिन ग्लेशियर by Bhawna Sati इंडियन एक्सप्रेस</a>" data-src="https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/TripDocument/1569396817_734316232cce11c341366e10f4256607.jpg.webp" style="height:100% !important" class="image-spot absolute margin-none width-100 object-cover" data-linkurl=""/>

श्रेय: रिज़वान

Photo of सियाचिन ग्लेशियर by Bhawna Satiरिज़वान" data-src="https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/TripDocument/1569396592_1200px_saltoro_siachen.jpg.webp" style="height:100% !important" class="image-spot absolute margin-none width-100 object-cover" data-linkurl=""/>

सियाचिन दुनिया के सबसे ऊँची युद्ध भूमि है और भारतीयों के दिल में खास जगह रखती है। इसे ध्यान में रखते हुए यहाँ सैलानियों की आवा-जाही की अनुमति पर विचार हो रहा था और अब सियाचिन कैंप से लेकर कुमार पोस्ट का एरिया सैलानियों के लिए खोल दिया गया है।  आर्मी सूत्रों के हिसाब से ग्लेशियर को लोगों के लिए खोलने से वो सियाचिन के मुश्किल मौसम और भू-भाग में तैनात जवानों की ज़िंदगियों और उनके काम के बारे में जान सकेंगे।

दरअसल लद्दाख घूमने आए सैलानी अक्सर टाइगर हिल और कारगिल जैसी जगहों पर जाने की अनुमति की मांग करते आए हैं। और अब लद्दाख के कश्मीर से अलग होने और केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद इसे क्षेत्र में टूरिज़म को बढ़ावा देने के एक कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है।

इससे पहले सैलानी सियाचिन में मौजूद इंसटिट्यूट तक जा सकते थे और कई मौकों पर सियाचिन की ऊँची पोस्ट पर ट्रेकिंग का विकल्प भी खोला गया है, लेकिन स्थाई रूप से सैलानियों के आने पर रोक थी ।

आप इस खबर के बारे में क्या सोचते हैं? क्या आप सियाचिन जाना चाहेंगे? अपने विचार हमें कॉमेंट्स में बताएँ।

अपनी यात्रा की कहानियों को Tripoto पर मुसाफिरों के साथ बाँटने के लिए यहाँ क्लिक करें।

रोज़ाना घुमक्कड़ी के अनोखे किस्से पढ़ने के लिए Tripoto हिंदी के फेसबुक पेज से जुड़ें।