8 दिन, 1800 किलोमीटर: लोकल बसों में राजस्थान की अनोखी रोड ट्रिप

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Photo of 8 दिन, 1800 किलोमीटर: लोकल बसों में राजस्थान की अनोखी रोड ट्रिप by Rupesh Kumar Jha

"माटी बांधे पैंजनी, बंगड़ी पहने बादली, डेडो डेडो बावड़ो, घोड़ मथोड़ बावड़ी..."

जब मैंने राजस्थान पर्यटन की के विज्ञापनों को देखा, तभी से भारत के सबसे ख़ास राज्य की यात्रा करना चाहता था और हर एक फेमस जगहों पर जाना चाहता था। राजस्थान शब्द सुनते ही अनुपम संस्कृति, भव्य महलों, शानदार किलों और इतिहास की झांकी नजर के सामने तैरने लगती है।

यह "राजाओं की भूमि" भारत के सबसे बड़े पर्यटक स्थलों में से एक है। इस धरती को झीलों का शहर, गुलाबी और नीला शहर, भूतों का नगर, हवा महल, रेत की पहाड़ियों का इलाका, स्वर्ण नगरी, बीकानेरी भुजिया, गजब वास्तुकला, मुँह में पानी लाने वाले व्यंजन, आदिवासी गाँव, टाइगर रिज़र्व, तीर्थ स्थल और रंगीन त्यौहार जैसी अनोखी चीज़ें बहुत ही ख़ास बनाती हैं।

मैंने 8 दिन में 1800 कि.मी. की यात्रा की और राजस्थान की भव्यता, राजसी ठाठ और विरासत को गहराई से देखने का लुत्फ़ उठाया। स्थानीय बसों और रिक्शा से यात्रा करते हुए, मैंने सैम सैंड ड्यून्स में सूर्योदय का अनुभव लिया, नाहरगढ़ किले से सूर्यास्त, जोधपुर में रात का नज़ारा, नाश्ते के लिए दाल-भात का स्वाद लिया, मेहरानगढ़ किले पर जाते हुए सुनसान भूत गाँव और ज़िप लाइन से गुजरा।

Day 1

श्रेय: मोआना नानईआ

Photo of उदयपुर, Rajasthan, India by Rupesh Kumar Jhaमोआना नानईआ</a>" data-src="https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1560501750_1560501745_1511211966_img_8724.jpg.webp" style="height:100% !important" class="image-spot absolute margin-none width-100 object-cover" data-linkurl=""/>

बैंगलोर से मुंबई होते हुए उदयपुर

यात्रा बैंगलोर से एक लग्ज़री बस से शुरू हुई (क्योंकि मैंने यात्रा की योजना लास्ट मिनट बनाई थी)। आप उदयपुर के लिए सीधी फ्लाइट भी ले सकते हैं। मैं 16 घंटे बाद मुंबई पहुँचा। उदयपुर के लिए बस के निकलने से पहले मेरे पास कुछ वक्त था, इसलिए मैं एक रेस्तरां में फ्रेश हुआ, पेट भर खाया और रास्ते के लिए कुछ स्नैक्स लिया। 750 कि.मी. और 13 घंटे की यात्रा के बाद, मैं झीलों के शहर में पहुँच गया।

Day 2

श्रेय: मोआना नानईआ

Photo of कुम्भलगढ़ फोर्ट, Kumbhalgarh, Rajasthan, India by Rupesh Kumar Jhaमोआना नानईआ</a>" data-src="https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1560502243_1560502239_1511114241_img_8625.jpg.webp" style="height:100% !important" class="image-spot absolute margin-none width-100 object-cover" data-linkurl=""/>

कुंभलगढ़ किला - राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा किला

मेरा पहला पड़ाव था उदयपुर लेकिन प्लान के अनुसार मुझे कुंभलगढ़ जाना था जो शहर से 100 कि.मी. दूर है। मैंने एक घंटे फ्रेश होने और आराम फरमाने के लिए एक कमरा किराए पर लिया, नाश्ते में आलू परांठा खाया और मेवाड़ के इस किले की ओर चल पड़ा। कोई चाहे तो नाथद्वार के लिए बस ले सकता है और फिर कुंभलगढ़ के लिए टैक्सी ले सकता है। मैंने ₹600 में दिन भर के लिए एक बाइक किराए पर ली। उदयपुर से कुंभलगढ़ की यात्रा विशाल भूमि, पहाड़ियों से भरी हुई है और कई छोटे गाँवों से होकर गुज़रती है। किले के चारों ओर देखने के लिए आपको आधे दिन का समय लगता है। आप अपने रास्ते पर प्रसिद्ध एकलिंगजी मंदिर भी जा सकते हैं। रात होने तक मैं वापस शहर पहुँच गया और अपने अगले पड़ाव अजमेर के लिए बस पकड़ ली।

श्रेय: मोआना नानईआ

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श्रेय: मोआना नानईआ

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Day 3

अरावली पर्वत के बीच अजमेर

270 कि.मी. की दूरी पर स्थित अजमेर जाने के लिए 5 घंटे लगते हैं। क्योंकि मैं सुबह 4 बजे पहुँच गया था, मैंने एक कमरा किराए पर लिया, कुछ घंटों के लिए सो गया और फिर सुबह-सवेरे घूमने निकल गया। शहर के भीतर आने-जाने का सबसे सस्ता तरीका आधे दिन के लिए रिक्शा किराए पर लेना है, जिसका खर्च करीब ₹500 होगा। दरगाह शरीफ, अना सागर झील, मेयो कॉलेज, अढ़ाई दिन का झोंपड़ा, अकबर पैलेस आदि कुछ स्थान बेहद आकर्षक हैं। तारागढ़; एक किले का खंडहर है ऊँची पहाड़ी पर है, अरावली पहाड़ों से घिरा हुआ पूरा शहर यहाँ से देखा जा सकता है।

श्रेय: मोआना नानईया

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पुष्करः एक नील कमल

दोपहर में एक स्थानीय बस जो कि महज ₹16 (महिलाओं के लिए ₹12) लेती है, उसे पकड़कर पुष्कर के लिए निकल गया। बस की ये यात्रा आपको पहाड़ों पर चट्टानी, सूखी और धूल भरी सड़कों पर ले जाती है। एक घंटे में आप पुष्कर पहुँच जाएँगे। यह भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है और एकमात्र स्थान है जहाँ भगवान ब्रह्मा का मंदिर है। बहुत कम आबादी वाला शहर पुष्कर हैरान करने वाला और हरा-भरा है। कई रूफ टॉप कैफे हैं, जहाँ आप आराम कर सकते हैं और अच्छे इज़राइली खाने के साथ दिन बिता सकते हैं। पुष्कर घाट से सूर्यास्त का दृश्य पर्यटकों के बीच काफी फेमस है। आपको यहाँ स्वादिष्ट और नमकीन पेय परोसने वाले कुछ कैफे भी मिलेंगे।

श्रेय: मोआना नानईआ

Photo of पुष्‍कर, Rajasthan, India by Rupesh Kumar Jhaमोआना नानईआ</a>" data-src="https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1560501898_1560501893_1511160208_img_0425.jpg.webp" style="height:100% !important" class="image-spot absolute margin-none width-100 object-cover" data-linkurl=""/>

पुष्कर और जयपुर के बीच की दूरी एक स्थानीय बस से महज 2.5 घंटे में कवर की जा सकती है। सूरज ढलने के बाद, मैं शाम 7.00 बजे बस में चढ़ा और रात 10.30 बजे तक जयपुर पहुँच गया।

श्रेय: मोआना नानईआ

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Day 4

जयपुर - गुलाबी शहर

4 दिनों के बाद एक हेरिटेज होटल में जाना मेरे लिए एक अच्छा बदलाव था। रात की नींद के बाद, मैं एक शानदार दिन के लिए तैयार था। हालाँकि पूरे जयपुर का नजारा स्थानीय परिवहन देखा जा सकता है, लेकिन मैंने ₹600 में दिन भर के लिए एक बाइक किराए पर ली। हवा महल, सिटी पैलेस, जंतर-मंतर, आमेर किला, जल महल, नाहरगढ़ किला और जयगढ़ किला बिल्कुल भी मिस ना करें। हवा महल के सामने कुछ ऐसे कैफे हैं जहाँ से लोग सड़क के दृश्य का आनंद ले सकते हैं और कुछ अद्भुत व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं। जयपुर शहर को देखते हुए, नाहरगढ़ किले का दीदार किया जिसका निर्माण जयपुर के संस्थापक द्वारा किया गया था। अगर आप पहाड़ियों तक फैले गुलाबी शहर को देखना चाहते हैं तो ये वही जगह है जहाँ से सूर्यास्तपर पूरे शहर को निहारा जा सकता है।

श्रेय: मोआना नानईआ

Photo of जयपुर, Rajasthan, India by Rupesh Kumar Jhaमोआना नानईआ</a>" data-src="https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1560501950_1560501945_1511211967_img_8764.jpg.webp" style="height:100% !important" class="image-spot absolute margin-none width-100 object-cover" data-linkurl=""/>

जयपुर से जैसलमेर 600 कि.मी. की सड़क इस यात्रा कार्यक्रम में शामिल होने वाला सबसे लंबा रास्ता है। छोला भटूरे के शानदार भोजन के बाद, मैं स्वर्ण नगरी के लिए अपनी 10 घंटे की बस में सवार हुआ।

Day 5

श्रेय: मोआना नानईआ

Photo of जैसलमेर, Rajasthan, India by Rupesh Kumar Jhaमोआना नानईआ</a>" data-src="https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1560501980_1560501976_1511212695_img_8832.jpg.webp" style="height:100% !important" class="image-spot absolute margin-none width-100 object-cover" data-linkurl=""/>

जैसलमेर - स्वर्ण नगरी

बस शहर के बाहरी इलाके में जैसलमेर किले से 1 कि.मी दूर ही रुक जाती है। मैं एक रेस्तरां में फ्रेश होने लगा, नाश्ते में सबसे अच्छा पोहा लगा जिसे खाकर किले की ओर निकल गया। शहर का किला एक मात्र आबाद किला है जिसमें लगभग 3000 लोग दीवारों के भीतर रहते हैं। किले की चोटी से, इस गौरवपूर्ण स्वर्ण शहर को देख सकते हैं। यहाँ से 15 मिनट की दूरी पर 5 महलों का यह भव्य सेट है जिसे पटवों की हवेली के नाम से जाना जाता है। एक पतली सी गली आपको इस पीले बलुआ पत्थर के महल में ले जाती है। हवेली के सामने कुछ बेहतरीन कैफे और रेस्तरां हैं। मैंने भव्य विरासत स्थल को निहारते हुए ₹300 में एक टेस्टी राजस्थानी और मारवाड़ी थाली का आनंद लिया।

श्रेय: मोआना नानईआ

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बड़ा बाग, थार हेरिटेज म्यूजियम, नाथमल की हवेली, गडीसर झील कुछ और स्थान हैं जहाँ आप जा सकते हैं। अगला पड़ाव था, छोटे-छोटे मोतियों की भूरी पहाड़ियाँ: सैम सैंड ड्यून जो शहर से 40 कि.मी. दूर है। आप शेयर टैक्सी में वहाँ जा सकते हैं लेकिन मैंने ₹500 में एक बाइक किराए पर ली क्योंकि मैं रात में सैम सैंड्यून्स पर रुकने का सोच रहा था।

Day 6

श्रेय: मोआना नानईआ

Photo of सैम रेत टिब्बा जैसलमेर, सैम, Rajasthan, India by Rupesh Kumar Jhaमोआना नानईआ</a>" data-src="https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1560502029_1560502024_1511213216_img_0731_1.jpg.webp" style="height:100% !important" class="image-spot absolute margin-none width-100 object-cover" data-linkurl=""/>

सैम सैंड ड्यून्स

जैसलमेर से सैम की सवारी सुनसान है लेकिन सड़कें शानदार हैं और अच्छी तरह से बनी हुई हैं। इस इलाके में कई कैंप हैं, जो ऊंट की सवारी, रेगिस्तान सफारी, रहने की सुविधा, भोजन, पैरासेलिंग, पैरामोटरिंग, क्वाड बाइकिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि करवाते हैं।सैम सैंड ड्यून्स में शामें बेहतरीन होती हैं, सूर्यास्त गजब दिखता है लेकिन सूर्योदय भी उतना ही शांतिपूर्ण होता है। रात में जब चंद्रमा उगता है, तो पूरा रेगिस्तान मोतियों की तरह चमकता है। आप कुलधारा, भी जा सकते हैं, जो जैसलमेर में है। सैम पर आराम से समय बिताने के बाद, मैं शहर वापस चला गया।

श्रेय: मोआना नानईआ

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उसी दिन, दोपहर के भोजन के बाद मैं जोधपुर के लिए अपनी बस में सवार हुआ जो 290 कि.मी. की दूरी पर है। रात के जीवन का अनुभव करने के लिए मैं शाम 6 बजे तक ब्लू सिटी में पहुँच गया।

Day 7

जोधपुर - ब्लू सिटी

श्रेय: मोआना नानईआ

Photo of जोधपुर, Rajasthan, India by Rupesh Kumar Jhaमोआना नानईआ</a>" data-src="https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1563110/TripDocument/1559891187_1511212337_img_8947.jpg.webp" style="height:100% !important" class="image-spot absolute margin-none width-100 object-cover" data-linkurl=""/>

ये शहर, जोधपुर अभी भी उस राजसी ठाठ-बाट में जी रहा है जो कभी अस्तित्व में हुआ करती थी। भव्य मेहरानगढ़ किले से उमैद भवन तक, इस शहर ने अपनी संस्कृति और परंपरा को संजो कर रखा है। किले के चारों ओर रूफ टॉप रेस्तरां में से किसी एक पर इस किले के शानदार रात के दृश्य को देखने के लिए जाएँ और दूसरी तरफ फेमस क्लॉक टावर को भी देखें। किले से ज़िप लाइनिंग करें, जिसमें एक घंटे का समय लगता है, स्वादिष्ट पानी पूरी का आनंद लें और सड़क पर खरीदारी के लिए भी जा सकते हैं। नीले घरों को खोजना बहुत मुश्किल है, किले के चारों ओर गलियों में चलना शुरू करें और अगर आप भाग्यशाली हैं, तो आपको कोई नीला घर मिल सकता है।

श्रेय: मोआना नानईआ

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जसवंत थड़ा, राव जोधा डेजर्ट रॉक पार्क, पुखराज डर्री उद्योग और मंडोर गार्डन कुछ दर्शनीय स्थल हैं। रात में चलने वाली बस पकड़कर मैं उदयपुर के लिए निकल गया।

श्रेय: मोआना नानईआ

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Day 8

उदयपुर - झीलों का शहर

श्रेय: मोआना नानईआ

Photo of उदयपुर, Rajasthan, India by Rupesh Kumar Jhaमोआना नानईआ</a>" data-src="https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1563110/TripDocument/1559891242_1511213374_img_1140.jpg.webp" style="height:100% !important" class="image-spot absolute margin-none width-100 object-cover" data-linkurl=""/>

यह हैरानी की बात है कि एक ही शहर में एक ही समय में आधुनिक संस्कृति और इतिहास दोनों पक्षों का अनुभव कैसे किया जा सकता है। सिटी पैलेस जो अब एक संग्रहालय है, आपको यहाँ के समृद्ध इतिहास की जानकारी देता है। रात के समय तक, पिछोला झील एक मानव निर्मित सौंदर्य है, पूरे क्षेत्र को अच्छी तरह से गुलाबी और पीले रंग की रोशनी से सराबोर किया जाता है, यह आंखों के लिए एक किसी तोहफे जैसा है। रिवर फ्रंट पर कैंडल लाइट डिनर कर एक सुखद शाम का आनंद ले सकते हैं, आप सूर्यास्त होने पर नाव की सवारी पर भी जा सकते हैं। जगदीश मंदिर, जग मंदिर, सहेलियों की बाड़ी और बागोर-की-हवेली कुछ अन्य दर्शनीय स्थल हैं।

श्रेय: मोआना नानईआ

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और इस तरह राजाओं की इस भूमि में मेरी यात्रा समाप्त हुई। मेरे पास अभी भी इस राज्य में घूमने के लिए बहुत कुछ है और जल्द ही एक अलग कहानी के साथ वापस आऊंगा।

जरा यहाँ गौर फरमाएँ:

बैंगलोर से उदयपुर (दोनों ओर) बस से यात्रा - ₹5,500

कुम्भलगढ़ के लिए परिवहन - ₹600

उदयपुर से अजमेर तक बस - ₹350

अजमेर में ऑटो - ₹500

अजमेर से पुष्कर तक बस - ₹16

पुष्कर से जयपुर तक बस - ₹440

जयपुर में परिवहन - ₹600

जयपुर से जैसलमेर तक बस - ₹700

जैसलमेर में परिवहन - ₹500

जैसलमेर से जोधपुर के लिए बस - ₹270

जोधपुर में परिवहन - ₹200

जोधपुर से उदयपुर के लिए बस - ₹430

जयपुर, जैसलमेर और जोधपुर में रहना - ₹5,000

सभी किलों, संग्रहालयों और महल में प्रवेश शुल्क - ₹1000

"भूमि पायल पहन रही है, आकाश गुणगान कर रहा है, एक अजीब खुशी से बादल झूम रहे हैं, धरती दुल्हन की तरह खूबसूरत लग रही है..."

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